मूल कर्तव्य

भारत का प्रत्येक नागरिक, यह कर्तव्य निभायेगा

नैतिकता के साथ हिन्द का, नव परचम फहरायेगा।

 संविधान का पालन करना, उसके आदर्शों पे चलना

राष्ट्रध्वज और राष्ट्रगीत संग, राष्ट्रगान का आदर करना

स्वतन्त्रता के लिए हमारे, आन्दोलन प्रेरित करायेगा।

उच्चादर्श हृदय में संजोए, उनका पालन करना हर रोज

भारत की प्रभुता व एकता, संग अखण्डता रखना खोज

राष्ट्रीय रक्षा नित करना,  सम्प्रभुता अक्षुण्ण बनायेगा।

देश की रक्षा करें हमेशा, राजाह्वान पे राष्ट्रीय सेवा भाव

भारतीय लोगों में समरसता, हो समान भ्रातृत्व स्वभाव

भाषा और प्रदेश वर्ग पर, आधारित भेदभाव मिटायेगा।

ऐसी प्रथाओं का त्याग करें, जो स्त्रियों के सम्मान विरुद्ध

सामासिक और सांस्कृतिक, गौरवशाली परम्परा विशुद्ध

 इसका महत्त्व समझ के तूँ, उस का परिरक्षण करायेगा।

प्राकृतिक पर्यावरण की जिसके, अन्तर्गत वन झील नदी

वन्य जीव की रक्षा करना, उसके संवर्धन से हों न मदी

प्राणि मात्र पे दयाभाव रख, शिव महान बन जायेगा।

वैज्ञानिक दृष्टिकोण निरन्तर, मानववादी ज्ञानार्जन

सुधार भावना का विकास हो, बौद्धिकता का हो परिमार्जन

सार्वजनिक सम्पत्ति सुरक्षित, रखे हिंसा पास न आयेगा।

व्यक्तिगत सामूहिक गतिविधियाँ, हैं सर्वत्र उत्कर्ष की निधियाँ

बढ़ने का सतत प्रयास करे, जिससे बढ़ें राष्ट्रीय उपलब्धियाँ

ऐसा करके सर्व समाजी, नव ऊँचाइयों को छू पायेगा।

यदि माता-पिता व संरक्षक है, संतति को स्कूल पठायें

यथास्थिति प्रतिपाल्य को अपने, शिक्षावसर प्रदान करायें

ऐसा करके श्रेष्ठ नागरिक, नित मूल कर्तव्य निभायेगा।।

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