मणिपुर का आईना

पूर्वोत्तर का राज्य शुभ, मणिपुर जिसका नाम

राजधानी इम्फाल है, प्राकृतिक धन धाम।

हुआ समस्याग्रस्त जब, मणिपुर का इतिहास

रुका तभी से स्वर्ग का, बहुकोणीय विकास।

जब आये अंग्रेज तो, पूर्वोत्तर में किये पयान

मिला चाय संग तेल अति, लगा दिये विज्ञान।

इस पर डाका डालना, हुआ कम्पनी काम

सीधे-सरल जन देखके, गहे मिशन अविराम।

लोग वैष्णव सनातनी थे, जंगल और पहाड़

कटे हुए सब देश से, धनपति करें जुगाड़।

वैज्ञानिक तकनीक से, सब थे कोसों दूर

शिक्षा दीक्षा जागरण, बिना सभी मजबूर।

अंग्रेज़ों ने सबसे पहले, किया अलग लाचार

देश के अन्य भूभाग से, काट किया बेकार।

इनर-आउटर परमिट ला, ऐसा किये विधान

आने बसने की अवधि, परमिट के दरम्यान।

किन्तु बनाये निज भवन, अफसर चमचों हेतु

चायपत्ती व्यापार हित, बना आधुनिक सेतु।

नहीं ईसाई देखकर, भेजे मिशनरी तमाम

धार्मिक परिवर्तन करा, पिलाया घृणा जाम।

ईसाई राज्य का लोक ने, देखा स्वप्न सलोना

इसी ओट से कम्पनी, पूर्वैशिया में मारे टोना।

अंग्रेज़ों ने उन दिनों, चली भयानक चाल

ईसाई एसटी हुए, शेष बचे बेहाल।

धर्म परिवर्तित जो किया, हुआ कुकी जनजाति

अन्य शेष वैष्णव सभी, मैती समाज विख्यात।

बहुत सारे नागा तभी, चले ईसाई राह

आधे से ज्यादा हुए, मैती रही कराह।

मूलनिवासी नित लड़े, अंग्रेजों के खिलाफ

अलग राष्ट्र का हो सका, नहीं रास्ता साफ।

किन्तु घटे मैती बहुत, हुए दस प्रतिशत पास

नब्बे प्रतिशत भूभाग पे, कुकी-नागा अधिवास।

अंग्रेजों ने इस जगह, कराया कृषि अफीम

जिसपे कब्जा कर कुकी, बदले जीवन थीम।

आज़ादी के काल में, थे बोध चंद्र सिंह राव

जिसने भारत में विलय, का सौंपा प्रस्ताव।

कहा उन्होंने वैष्णव, आयें एसटी दरम्यान

नेहरू ने चुप रखलिया, नृपति संधि विधान।

संविधान लागू हुआ, मैती को मिली न छूट

लैंड रिफार्म एक्ट से, गये वैष्णवी टूट।

कुकी और नागा बने, एसटी के हकदार

पूर्ण राज्य की सम्पदा, पर इनका अधिकार।

वंचित मैती वैष्णवी, हुए साधन से दूर

दिल्ली से लड़ने लगे, तबसे हो मजबूर।

ब्रिटेन की एमआई6 व, ISI पाकिस्तान

कुकी-नगा-हथियार दे, भड़काये शैतान।

भारत व मैती विरुद्ध, शुरू हुआ संहार

खेल वैष्णवी जान पे, लड़े बिना सरकार।

कांग्रेस कम्युनिस्ट की, सत्ता थी हर बार

बहुसंख्यक नागा कुकी, से संजो के तार।

अस्तित्व हेतु संघर्ष में, उठे चले हथियार

बना युद्ध की भूम यह, रुका न नर संहार।

चिन जनजाति आ वसी, छोड़ देश म्यांमार

मैती सबसे लड़ सतत, कभी न माने हार।

हुए नागरिक चिन सभी, पहाड़ी जंगल बीच

राजकीय हल न मिला, हुई हरकतें नीच।

शासकीय आदेश पर, हुए हैं खूनी खेल

किन्तु आजतक हो सका, नहीं आपसी मेल।

पाकिस्तान जब बँट गया, बन गया बांग्ला देश

आईएसआई एक्शन घटा, जुटा म्यांमार विशेष।

अवैध अफीम उद्योग से, युवा नशे में चूर

हथियार ड्रग्स की तस्करी, से मैती मजबूर।

मुख्य आय का स्रोत यह, बाकी सब बेकार

इसी के नाते आज तक, नहीं घटी तकरार।

एक्ट ईस्ट नव पलिसी, लायी जब सरकार

नागा एकॉर्ड के बाद में, हिंसा घटी लगातार।

बन्द हुए सब आक्रमण, मिला फौज को चैन

शस्त्रान्दोलन रुक गया, दनुज हुए बेचैन।

उच्च न्यायालय ने किया, श्रेष्ठ फैसला एक

मैती भी एसटी हुए, राज चले नित नेक।

मणिपुर भर में वे कहीं, रहें बसें सजमीन

चिन नागा के संग कुकी, कुछ न सकेंगे छीन।

जल्द सभी घुसपैठिए, खाली करेंगे देश

कानूनी हण्टर तले, तस्कर गैंग विशेष।

ऐसी ले उम्मीद सब, खड़े विनत् कर जोर

लाजहरण हत्या रुके, थमे चिर आहत शोर।

एक साथ सब रह सकें, ऐसा हो व्यवहार

योगीराज श्रीकृष्ण सा, काज करो सरकार।।

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