आर्यावर्त आधुनिक भारत
कल कहते थे हिन्दुस्तान
अंग्रेजों ने दिया इण्डिया
शेष गुलामी की पहचान।
दशरथ-पुत्र राम के भाई
सनद दुष्यंत शकुंतला मिताई
भरत नाम आदर्श प्रतिष्ठित
भारत में जिनकी परछाई।
कभी घृणित उच्चारित संज्ञा
हमने अपने भाल चढ़ाया
ढोते रहे आज तक गाली
एक बार भी समझ न आया।
संसद-भेदी एंग्लो इण्डियन
जब से हमने मार भगाया
तबसे घटी चाई-चुगलाई
हारा दुश्मन है बौराया।
जहाँ-जहाँ हो फोड़ा-फुन्सी
सबका करें त्वरित उपचार
अपने बल पे खड़ा है भारत
तेज चले कुछ करें विचार।
वीर पूजा सब किये हमेशा
दया भीख सा तुच्छ विधान
नाथ करें कुछ और खास अब
चले धर्मवत नव विज्ञान।।
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