चन्द्रयान का सपना

इसरो ने तेईस अगस्त को
चाँद पे जब झण्डा फहराया
तब भारत ने इस दुनिया में
गर्व से अपना शीश उठाया।
कम खर्चे में ज्यादा काम
चला मिशन नियमित अविराम
नव दुनिया को खोज निकाला
अन्वेषण कर श्रेष्ठ तमाम।
जहाँ पे खनिजों का भण्डार
वहीं किया विक्रम अधिकार
कई नई हैं सम्भावनाएँ
युनिवर्स की है ललकार।
अद्भुत टैलेंटेड प्रज्ञान
एक स्वचालित यन्त्र महान
सूर्यजनित ईधन के सहारे
रचेगा भौतिक दिव्य विधान।
जब लैण्डर का कवच छोड़
शशि पे पग चिन्ह बनायेगा
आर्विटर से जोड़ रिलेशन
भारत को भेद बतायेगा।
राज एलियन का खुल जाये
जब शनि ग्रह का चाँद दिखाये
वृहद बृहस्पति की ग्रेविटी में
जीवनोपयोगी उपग्रह पाये।
इलेक्ट्रानिक नव संवेगों में
रेडियो पोर्टबिलिटी पायेगा
प्रोटान न्यूट्रॉन से पोषित
जैव श्रृंखला पहुँचायेगा।
जीन्स हमारी पहुँच वहाँ पे
करेगी भौतिक नव्य धमाल
हम उस लोक के ब्रह्मा होंगे
गर्वित होगा भारत भाल।
उसके आगे अन्य ग्रहों तक
अपनी पहुँच बनायेंगे
वातावरण जलवायु परख
इक बस्ती नई बसायेंगे।
वहीं करेंगे जीने लायक
ईधन संसाधन संधान
भारतीय विज्ञान सहारे
संवरेगा सारा ब्रह्माण्ड।।

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