दुविधा

मन चंचल माने नहीं, हलचल हो हर ठाँव राज-मार्ग पर हों भले, काँप रहा हो पाँव। ...
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अविधा

विधा दूसरी हो नहीं, नित रहे एक प्रारूप नैसर्गिक श्रीस्रोत शुभ, अनुपम श्रेष्ठ अनूप। अर्थ निरन्तर ...
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न्याय

स्वामी भी हैवान बने तो, उसे न बख्शा जाये कानूनी हण्टर से पीटके, उसको भी तड़पायें। ...
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परीक्षा

शिक्षा हेतु परीक्षा, आवश्यकता अनुरूप संस्कार के नीर बिन, सूखे संसृति कूप। नकल कराते हैं सभी, ...
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संविधान का परिचय

तीन सौ पंचानबे अनुच्छेद, बाईस भागों में बँटा हुआ आठो अनुसूचियाँ साथ में ले, है विश्व ...
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संविधान के भाग

भारतीय संविधान हमारा, बाईस भागों में विभजित है तीन सौ पंचानबे अनुच्छेद, बारह अनुसूचियांधारित है। भाग ...
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राजनीति

राजनीति नौकरी अगर तो होता क्यों इक्जाम नहीं गर समाज सेवा यह है तो वेतन का ...
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अनुसूचियाँ

भारतीय संविधान मूलतः, आठ अनुसूचियों में आयोजित वर्तमान में किन्तु ये संख्या, बढ़कर है बारह सुनियोजित। ...
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संविधान की विशेषताएँ

संविधान प्रारूप समिति व, सर्वाेच्च न्यायालय ने माना भारतीय संविधान संघात्मक, वर्तमान में श्रेष्ठ सयाना। अमेरीकी ...
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संविधान की उद्देशिका

दुनिया में सर्वाधिक उत्तम नीति ग्रन्थ की गरिमा पायी संविधान उद्देश्य हेतु विधि समिति ने प्रस्तावना ...
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