किया प्राण संचार हामारी काया में
जीवन का वरदान तुम्हारी छाया में।
दु:ख सहके सुख हमें दिलाया
अमृत सा पय पान कराया
नित ममता से पाला पोसा
जीवन का हर हुनर सिखाया
मैं पला बढ़ा साकार तुम्हारी माया में।
इस संसृति की सृजनहारा
मिला तुम्हीं से नेह किनारा
ईश्वर का साकार रूप माँ
मेरे लिए मेरी जाँ से प्यारा
मिला ज्ञान प्रतिमान तुम्हारी दाया में।
जन्म जरा बचपन तरुणाई
परहित में नित मात लगायी
अपना नाम किनारे करके
आजीवन की है सेवकाई
ये अद्भुत तना वितान तुम्हारी छाया में।
प्रथम शिक्षिका ज्ञान दायिनी
नियति नन्दिनी श्रेष्ठ सयानी
शक्तिमयी माँ लक्ष्मी रूपा
तेरी महिमा है अनजानी
जग बना बीज से पेड़ तुम्हारी काया में।।