दुर्घटना

ओवरटेक नशे में करना

दुर्घटना से तनिक न डरना

बेहोशी में भी आना-जाना

भयाधार कुछ आये नजर न।

पारिवारिक दायित्व विसर के

जीवन का औचित्य भुलाना

है अभिशाप सुखद जीवन का

आग में जिसके जले जमाना।

कोई दम्भ में खोया सोया

नैतिकता न तनिक संजोया

भटक जहाँ में अंगस-बंगस

समय चूक पे रोया-धोया।

जीवन जीते बिन विज्ञान

आततायी दैत्य सुल्तान

सावधान रहना नर इनसे

बरना झेलेंगे नुकसान।

इन्हें मृत्यु का खौफ न आये

अन्यों को यमघर ले जायें

अपना स्वयं बचाव ढूँढना

नजर परायी काम न आये।।

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